इस दुनिया में एक नया काल आया है हर तरफ़ कोरोना बीमारी ने शोर मचाया है इस लाइलाज बीमारी को कोई समझ ना पाया है कोई लड़ रहा है इस बीमारी से कोई मरकर ही इससे छूट पाया है इस कोरोना काल ने हाहाकार मचाया है इससे बचने के लिए इंसान ने खुद को घर मे छुपाया है इस भयानक बीमारी ने इंसान को इंसान से ही दूर भगाया है चैन से रहने वालों को इस बीमारी ने सताया है लोगो का खाना पीना सब खोया है सबसे ज्यादा ग़रीब इस महामारी से रोया है जिसको कोरोना हुआ है वह अपनों से भी अलग हुआ है जिसने इस महामारी को बनाया है वह खुद इसमें समाया है इस महामारी से अगर कोई मर जाये उसके अपने भी उसे देखने ना आये इस महामारी मे पुलिस, डॉक्टरों ने हिम्मत दिखाई है सबको बचाने के लिए अपनी जान दाँव पर लगायी है एक तरफ़ यह महामारी फैली है तो एक तरफ़ कुदरत ने भी केहर ढाया है जूलम किया था पहले कुदरत पर अब कुदरत ने सबको रुलाया है कहीं तूफ़ान चल रहा है तो कहीं बारिश पड़ रही है कहीं बादल फट रहा है तो कहीं धरती फट रही है आज इंसान भी अपनी इंसानियत हार रहा है बेकसूर बेज़ुबानों को मार रहा है इस महामारी ने सबको डराया है इस दुनियां मे एक नया काल आया है हर तरफ़ कोरोना बीमारी ने शोर मचाया है Ajay Shayar.. #Waterfall&Stars My #Poetry On #Corona