पल्लव की डायरी रंग सब बेरंग हो रहे हैं आशिको की याद में फूल भी बदवाहस हो रहे है चमन में लगी है आग फुरसतो में बैठकर सब अब बर्बाद हो रहे है प्यासे तो है मगर हलक सुखाये बैठे है बेहतरी के लिये जान बचाकर मुँह छिपाये बैठे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Rose फूल भी बदवाहस हो रहे है #Rose