पता था सामने मौत खडी थी फिर भी सालो से उसने तैयारी करी थी। वो शेर ही था जिसे जनुन था देश पर मर मिटने का वरना उसके घर के दरवाजे पर भी तो माँ खडी थी। न सोचा न समझा जहाँ आयी वहा गोली अपने नाम की उसने वाह मेरे फोजी भाई तूमने भी क्या मिसाल दी जिन्दा दिली की । जय हिंद की सेना आर्मी फैन