हर लम्हा हर पल तू मुझमें बेशूमार है दिल-ए-नादान को सिर्फ़ तुमसे प्यार है खामोश -ए- खिज़ा तेरी यादों मे दिल मेरे कानों में गूँजती आवाज़ हर ओर है मेरी किताबों में रखा वो सूर्ख़ गुलाब आज भी उसकी खुशबू मेरे चारों ओर है ग़र तुम्हें फ़ुर्सत मिले मुझे याद कर लेना बेसब्र मेरी निगाहें दीदार को उसी ओर है Queen"मुद्दतों से कैसा तेरा इंतज़ार है बेवफा से वफ़ा आज भी तू उसकी ओर है ।। ♥️ Challenge-678 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।