: एक व्यक्ति अपने पांच साल के पुत्र के साथ मंदिर गया। आरती का समय हुआ, उसने भी आरती आरभं कर दी, उसने देखा कि जब वो आरती गा रहा था तब उसका पुत्र भी कुछ गुनगुना रहा था..!बाहर आकर उसने पुत्र से पूछा, तुम्हें तो आरती आती नहीं फिर तुम क्या गुनगुना रहे थे..?पुत्र ने बडा सुंदर जबाव दिया:-मैने तो क ख ग घ पूरा सुना दिया और भगवान जी को कहा कि वह इन अक्षरों से अपने आप प्रार्थना बना लें..! दुनिया दिखावा देखती है नीयत नहीं, भगवान नीयत देखते हैं दिखावा नहीं...