बहुत मुश्किल होता है 'तरंग', गुजरे वक्त का लौटके आना। शायर तो आये, पर क्या आया मीर-ओ-गालिब का जमाना।। .....सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग' यादें ❤️ से.....