प्रकृति का संतुलन हम प्रकृति को भगवान की तरह पूजते हैं, वह शक्तिमान, सर्वोच्च व सर्वव्यापक है, आदि काल से आज तक वह खुद को संभालकर जीवन को सहलाती आई है। प्रकृति ने अपना संतुलन खुद किया है, हम मानव इतने समझदार होते हुए भी, प्रकृति व समस्त जग को समझते हुए भी, इसका संतुलन बिगाड़ने पर तुले हुए हैं। अगर हम इससे कुछ सीखना चाहें, तो बस ज़रा सी खुशी के लिए, महंगा जीवन कभी न माँगें, हम संतुष्ट रहें व सही इस्तेमाल करें उत्पादों का। वर्ना प्रकृति अपना संतुलन खुद बना लेगी, मानव रूपी प्रदूषण को मात दे देगी, न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी, जीवन नया अपनाकर प्रकृति अपना मुकाम खुद हासिल कर लेगी । । Picture taken by me. #rztask523 #restzone #rzलेखकसमूह