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यूँ बार बार शिकवा ,शिकायते मत किया कीजिये, कुछ स

 यूँ  बार बार शिकवा ,शिकायते मत किया कीजिये,
कुछ समझ न आये , तो खुद से पूछ लिया कीजिये,

यूँ  तो  ज़िन्दगी  की  राह  में , हज़ार  ग़म  मिलेंगें,
मत रोकिए क़दमों को ,बस आँखे मीच लिया कीजिये,

क्या इसने किया,क्या उसने कहा ,मत सोचिए कभी,
ये ज़िन्दगी  हसीन  है , इसे  खुलकर जिया कीजिये,

पैरों के नीचे ज़मीं ही रहेगी , आसमाँ पे उड़ने वाले,
कभी ग़ुरूर पर पड़े क़दम ,तो खींच लिया कीजिये,

चार  पल  की   ज़िन्दगी   के ,  अफ़साने  हज़ार हैं,
कभी नाम उस ख़ुदा का भी ,जबाँ पे लाया कीजिये।।

-पूनम आत्रेय

©poonam atrey
  #ज़िन्दगीकेअफ़साने