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गर्भवती सीता जिन परिस्थितियों में वन - गमन के लिए

गर्भवती सीता जिन परिस्थितियों में वन - गमन के लिए विवश व तत्पर हुई, आज उनके धरती मां की गोद में समाने के निर्णय ने हृदय और आत्मा को असीम शांति व शीतलता प्रदान की! जिस अयोध्या ने उन्हें अयोध्या छोड़ने को विवश किया, उसी अयोध्या को उन्होने छोड़ दिया, उन राम के पास भी पुनः नहीं गई जिन्होंने प्रजा रंजन हेतु उन्हें अपने जीवन से दूर कर दिया!
हे सीता, तुम पुनः अयोध्या नहीं गई किन्तु तब तक जीवित अवश्य रही, जब तक अपने आपको निष्कलंक सिद्ध नहीं कर दिया!
अपने उज्जवल चरित्र की साक्षी से जो कठोर निर्णय तुम ने लिया, उस के लिए तुम धन्य हो सीता! तुम धन्य हो! तुम्हारी दृढ़ता, तुम्हारे साहस, तुम्हारी शक्ति का गुणगान करने के लिए शब्द नहीं हैं सीता!
तुम अद्भुत हो, अप्रतिम हो, अद्वितीय हो!
आदर्श की पराकाष्ठा हो, महानता की पराकाष्ठा हो, सहनशीलता की पराकाष्ठा हो, विनम्रता की पराकाष्ठा हो, दृढ़ता की पराकाष्ठा हो, धैर्य की पराकाष्ठा हो, स्वाभिमान की पराकाष्ठा हो!!
अभी भी कुछ कमी लग रही है तुम्हारे यशोगान में सीता, तुम अप्रतिम हो!!! #अद्भुत, अप्रतिम सीता 02.05.20
गर्भवती सीता जिन परिस्थितियों में वन - गमन के लिए विवश व तत्पर हुई, आज उनके धरती मां की गोद में समाने के निर्णय ने हृदय और आत्मा को असीम शांति व शीतलता प्रदान की! जिस अयोध्या ने उन्हें अयोध्या छोड़ने को विवश किया, उसी अयोध्या को उन्होने छोड़ दिया, उन राम के पास भी पुनः नहीं गई जिन्होंने प्रजा रंजन हेतु उन्हें अपने जीवन से दूर कर दिया!
हे सीता, तुम पुनः अयोध्या नहीं गई किन्तु तब तक जीवित अवश्य रही, जब तक अपने आपको निष्कलंक सिद्ध नहीं कर दिया!
अपने उज्जवल चरित्र की साक्षी से जो कठोर निर्णय तुम ने लिया, उस के लिए तुम धन्य हो सीता! तुम धन्य हो! तुम्हारी दृढ़ता, तुम्हारे साहस, तुम्हारी शक्ति का गुणगान करने के लिए शब्द नहीं हैं सीता!
तुम अद्भुत हो, अप्रतिम हो, अद्वितीय हो!
आदर्श की पराकाष्ठा हो, महानता की पराकाष्ठा हो, सहनशीलता की पराकाष्ठा हो, विनम्रता की पराकाष्ठा हो, दृढ़ता की पराकाष्ठा हो, धैर्य की पराकाष्ठा हो, स्वाभिमान की पराकाष्ठा हो!!
अभी भी कुछ कमी लग रही है तुम्हारे यशोगान में सीता, तुम अप्रतिम हो!!! #अद्भुत, अप्रतिम सीता 02.05.20
anjupokharana7639

Anjali Jain

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