अब मोहब्बत ही नहीं वजहें और भी हैं रातों को बे-सबब जागने के लिए तकनीक ने मुहैया कर दी कई खिड़कियाँ दूसरों की ज़िन्दगी में झाँकने के लिए जरूरी नहीं कटें कार-खाने में उँगलियाँ नए खेल हुए हैं ईजाद हादसे के लिए आसां हो गया किसी को बेदख़ल कर देना एक टच ही काफी है अब फ़ासले के लिए बूढ़े शेरों को भी मिला है आज नया आसमां इधर उधर कूदने-फाँदने के लिए सफ़र वही रहा लेकिन फिक्रें बदल गयी अब बैटरी बचाते हैं लोग रास्ते के लिए वो दौर गुज़र गया जब जरूरी थे खत इक-दूसरे से बंधने-बाँधने के लिए ©KaushalAlmora #lifeआजकल #रोजकाडोजwithkaushalalmora #yqdidi #life #mobile #technology #poetry #365days365quotes