कुछ याद है तुम्हे, शहर के बीचोबीच अपना स्कूल, वो बरगद की छांव, वो शीशम के फूल, वो खिलते पलाश, कच्चे इमली की खटाश, छुटियाँ होते ही साईकल की रेस, सूरज की लाली सी हमारी ड्रेस, छतरियां बंद करके वो भीगते जाना, होमवर्क के लिए रोज बहाने बनाना, याद आते हैं वो प्यारे दिन, अधूरी सी है ज़िन्दगी, कुछ इनके बिन, सोंचा कुछ भूली बातें बताऊ तुम्हें, मुझे तो याद है, कुछ याद है तुम्हें...... #Dj_missing_school_days