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अब भी हवाओ मे घुला बिखरा सा रहता है तेरा जिक्र..

अब भी हवाओ मे 
घुला बिखरा सा रहता है 
तेरा जिक्र.... 
यूँ तो इल्म है मुझे 
तेरी बेरुखी का.. 
फिर भी हवाओं में 
महकता रहता है तेरा इश्क़ 
ये तो ख़बर है 
तुम नहीं हो मेरी 
मगर
मुझे नहीं थी ये ख़बर 
तेरी तरह ही बेदर्द है
तेरा हिज्र!!

©हिमांशु Kulshreshtha
  क्या खबर थी...

क्या खबर थी... #Shayari

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