Unsplash चिराग था मैं, ना थीं जमीं अपनी.....ना था आसमान अपना..... फिर भी हवाओं से कुछ इस तरह दुश्मनी थीं..की जैसे उसके शहर में था किराये का मकां अपना..... ©nandkishor gupta06 #lovelife @highlight