हम वह आखिरी पीढ़ी है जिनके पास एक ,,मासूम मां,, है जिनका न कोई सोशल मीडिया अकाउंट है। मां के लिए क्या लिखूं मैं मां की ही तो लिखावट हूं जिनको न अपनी जन्मतिथि पता है। न फोटो सेल्फी का कोई सोख। उन्हें ये भी नही पता की स्मार्टफोन का 🔐 लोक कैसे खुलता है। जिन्होंने बहुत कम सुख सुविधाओं में अपना पूरा जीवन निकाल लिया हो बिना किसी सिकायत के। मां की परछाई और पिता का ख़्वाब हो तुम कांटों के बिच खिलता हुआ गुलाब हो तुम । तुम सिर्फ एक बेटी नही माता_ पिता की जान हो तुम । जो बना दे सारे बिगड़े काम मां चरणों में होते हैं चारो धाम। ©Aarti Yadav love u mom