माँ! आज जब तुमसे दूर हूँ, तो तम्हारी अहमियत समझ आती है तम्हारे कद्दू की सब्जी बनाने पर,मैं नही खाऊँगी कहकर मुँह फुलाकर गुस्सा दिखाने वाली लड़की, अब तेरे हाथ की बनी तुरई की सब्जी खाने को भी तरस जाती है। उदास होने पर,तेरे बार बार पूछने पर की क्या हुआ है? झल्ला कर चिल्ल्लाने वाली लड़की, अब उदास होने पर ,तेरे सीने से लिपट कर रोना चाहती है। तुम्हारा खाना कब खाओगी,इतना वक्त हो गया डांटकर कहने पर खा लुंगी न,भूख लगेगी तब तो खाऊँगी,ये चिल्ला देने वाली लड़की आज खाना खा लो,भूखी होगी,सुबह से कुछ नही खाया ये सुनने को तरस जाती है। खाना बनाना भी थोड़ा सिख लो,अकेले रहोगी तो कैसे बनाओगी ये सुनकर जवाब में u tube से देखकर बना लुंगी कहने वाली लड़की आज कभी भूखे पेट भी सो जाती है। माँ! तेरी हर सीख बहुत याद आती है। #माँ