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हवा संग आते हैं, बादलों के दस्ते! चले जाते हैं, ब


हवा संग आते हैं, बादलों के दस्ते!
चले जाते हैं, बिलखते,  सरसते!!
किसी हाल में, भींगता हूँ नहीं मैं!
हो चाहे दुनियाँ, पूरी ही जलमय!!
न बढ़ता, न बहता, रहता खड़ा हूँ!
क्या सोच कर मैं, ज़िद पे अड़ा हूँ?
गए सारे बादल, वहीं पर रुका हूँ!
न कुछ चाहता हूँ, न ही भूखा हूँ!!
आते कितने परिंदे, लेते मेरे फेरे!
गाते ,चहचहाते , सांझ वो सवेरे!!
भरी दोपहर में, तपती  डगर में!
हरसूँ रहता खड़ा, हो बेखबर मैं!!
ओस टपकाती, चाँदनी रात में भी!
ठिठुरता न मरता, रहता खड़ा ही!!
कितने रंग देखे हैं, मौसम के मैंने!
बदला न खुद को, जैसा हूँ पड़ा हूँ!!
लगाया हूँ काजल, पूरे ही चेहरे पे!
कोई बुरी नज़र से, मुझको न देखे!!
न खरीदा किसी ने, बस नाम का हूँ!
जिंदा नहीं मैं, फ़िर भी काम का हूँ!!
जन्मा था सूखा,  अभी तक सूखा हूँ!
दिमाग़ मत खपाओ,मैं तो बिजूका हूँ!! Image source- 
pixabay.com
Bijuka- scarecrow
#education #kids

हवा संग आते हैं, बादलों के दस्ते!
चले जाते हैं, बिलखते,  सरसते!!
किसी हाल में, भींगता हूँ नहीं मैं!
हो चाहे दुनियाँ, पूरी ही जलमय!!
न बढ़ता, न बहता, रहता खड़ा हूँ!
क्या सोच कर मैं, ज़िद पे अड़ा हूँ?
गए सारे बादल, वहीं पर रुका हूँ!
न कुछ चाहता हूँ, न ही भूखा हूँ!!
आते कितने परिंदे, लेते मेरे फेरे!
गाते ,चहचहाते , सांझ वो सवेरे!!
भरी दोपहर में, तपती  डगर में!
हरसूँ रहता खड़ा, हो बेखबर मैं!!
ओस टपकाती, चाँदनी रात में भी!
ठिठुरता न मरता, रहता खड़ा ही!!
कितने रंग देखे हैं, मौसम के मैंने!
बदला न खुद को, जैसा हूँ पड़ा हूँ!!
लगाया हूँ काजल, पूरे ही चेहरे पे!
कोई बुरी नज़र से, मुझको न देखे!!
न खरीदा किसी ने, बस नाम का हूँ!
जिंदा नहीं मैं, फ़िर भी काम का हूँ!!
जन्मा था सूखा,  अभी तक सूखा हूँ!
दिमाग़ मत खपाओ,मैं तो बिजूका हूँ!! Image source- 
pixabay.com
Bijuka- scarecrow
#education #kids