इस सुनहरी सुबह की भी कुछ खाश बात है। कभी इसका इन्तेजार किया करते थे । भई ये होता ही न था और अब चाहते हैं काश थोड़ा लेट में होता ये आराम से सो सोते। और आज तो उठ जाने पर भी रात है। कभी ये मस्त प्रकृति का आनंद लिया करते और अब तो एक बार दिन में पेड़ ही दिख जाए वही बहुत बड़ी बात है। वरना अब तो ऐसे उठाना भी आम बात है। और यूँ तो अपना इस तरह बोलना भई कुछ तो बात है। A happy early morning!!