॥ सद्गुरु श्री गोरक्षनाथ ।। भारत की सारी संत-परंपरा गोरख की ऋणी है। जैसे पतंजलि के बिना भारत में योग की कोई संभावना न रह जायेगी; जैसे बुद्ध के बिना ध्यान की आधारशिला उखड़ जायेगी; जैसे के कृष्ण बिना प्रेम की अभिव्यक्ति को मार्ग न मिलेगा- ऐसे गोरख के बिना उस परम सत्य को पाने के लिये विधियों की जो तलाश शुरू हुई, साधना की जो व्यवस्था बनी, वह न बन सकेगी। गोरख ने जितना आविष्कार किया मनुष्य के भीतर अंतर-खोज के लिये, उतना शायद किसी ने भी नहीं किया है। ओशो मरौ हे जोगी मरौ - १ ©KhaultiSyahi #gorakhnath #osho_quote #oshovichar #osho_quotes #khaultisyahi #spiritual #Religion #follow4follow