बता नहीं सकते कि छोटी छोटी उलझनों ने हमें कितना सुलझा के रखा है। तुझे क्या पता ज़िंदगी हमने तुझे खुद कितना उलझा के रखा है।। रोते रहते है लोग अक्सर किस्मत को कोसते हर ख्वाहिश को अपनी, बस इल्तजा पर रखा है। ये कहा किसीने, सब पहले से लिखी है किस्मत तो कोशिशों को क्या हमने बस बेवजह रखा है Think...!! Log kismat ke aage haar jaate hai Or samajh lete hai ki jo hoga dekha jayega Try, put efforts and prove yourself instead of cryinga d lying on bed lukin sad