जिंदगी छुप्पन छुप्पाई है ,जिंदगी छुप्पन छुप्पाई है रे दुबक रहीं हैं खुशियां और खेल रही बेबसियां है दाम मेरा और बुरे वक्त की दप्पी लग गई है जिंदगी छुप्पन छुप्पाई है..... ये किस्मत का पैमाना क्यों जाली ये जमाना ढूंढ रहा अपनों को, दिल क्यों बदल रहा ठिकाना अरे इतनी भीड़ भयंकर फिर भी चुप्पी लग गई है जिंदगी छुप्पन छुप्पाई है..... अब दाएं पलट कर ढूंढा और बाए पलट कर ढूंढा आंखें मींच हाथ जो पकड़ा निकला वह भी कूड़ा भई तुमसे ना हो पाई, बात भी सच्ची लग गई है जिंदगी छुप्पन छुप्पाई है..... #nojoto #"जिंदगी छुप्पन छुप्पाई"