तबस्सुम आपके होठों की बड़ी कातिल है। इसका वार सहन नहीं होता। शरर आतिश की फैल जाती है जहन में, निशाना जब मेरे जुड़वा नयन पर होता है। ©Ganesh Din Pal #स्मित💋