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इन दो आँखों को कभी महसूश करना तुम ये आँखे हर दिन त

इन दो आँखों को कभी
महसूश करना तुम
ये आँखे हर दिन तुम्हें
आलिंगन करती है
स्पर्श करती है
तुम्हारे कोमल
मन को
हृदय को
तुम्हारे डर को
एक मधुर चुम्बन देकर
आश्वस्त करती है
की प्रेम तुम्हारे
शरीर के कुछ भागों से ही नहीं
तुम्हारे सम्पूर्ण प्राकृतिक 
कलाकृतियों से है
जिसे झुठलाया नहीं जा सकता
तुम कभी इन आँखों को 
पढ़ने की कोशिश करना
जहाँ सिर्फ तुम्हारे लिए
अशेष मुहब्बत है।
सिर्फ मुहब्बत

©सौरभ अश्क #Love_a_mental_disease 

#Eyes
इन दो आँखों को कभी
महसूश करना तुम
ये आँखे हर दिन तुम्हें
आलिंगन करती है
स्पर्श करती है
तुम्हारे कोमल
मन को
हृदय को
तुम्हारे डर को
एक मधुर चुम्बन देकर
आश्वस्त करती है
की प्रेम तुम्हारे
शरीर के कुछ भागों से ही नहीं
तुम्हारे सम्पूर्ण प्राकृतिक 
कलाकृतियों से है
जिसे झुठलाया नहीं जा सकता
तुम कभी इन आँखों को 
पढ़ने की कोशिश करना
जहाँ सिर्फ तुम्हारे लिए
अशेष मुहब्बत है।
सिर्फ मुहब्बत

©सौरभ अश्क #Love_a_mental_disease 

#Eyes