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रोज की तरह आज भी, दिन, एक और गुजर चला, हम आश का एक

रोज की तरह आज भी,
दिन,
एक और गुजर चला,
हम आश का एक दीपक जलाये बैठे रहे,
पता ही नहीं कब अंधेरा हो चला,
..........

©vishwadeepak
  #Fire
#रोज की तरह आज भी,
दिन,
एक और गुजर चला,
हम आश का एक दीपक जलाये बैठे रहे,
पता ही नहीं कब अंधेरा हो चला,
..........
#mycreation
deepakchaurasia7439

vishwadeepak

Bronze Star
New Creator

#Fire #रोज की तरह आज भी, दिन, एक और गुजर चला, हम आश का एक दीपक जलाये बैठे रहे, पता ही नहीं कब अंधेरा हो चला, .......... #mycreation #Thoughts #for_my_follower_love_you_all

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