ये ज़ुल्फ़ तुम्हारी खुली हुवी, ये लहराता हुवा आँचल ये नज़रे तुम्हारी धुली हुवी,ये आँखों में सजता काजल कमर हिलाकर चलती हो ऐसे,जैसे बरस रहे हो बादल दिया खूबसूरती चाँद जैसे,ये रब की इनायत है...दो लफ्ज़ो में कहता हूँ ये मेरी अमानत है....ये मेरी अमानत है.... ये रूप तुम्हारा परियों जैसा,रंगों से फैलती है दामनी करता उजाला ये चमक तुम्हारा,काली रातों में जैसे चांदनी लहराते घने केशु तुम्हारे,बदन से जैसे बहती रागिनी ये अदाएँ सोख हसीना जैसी,ये मेरी जमानत है...दो लफ्ज़ों में कहता हूँ ये मेरी अमानत है....ये मेरी अमानत है.... तुम्हारे साँसों से फैलती खुश्बू,गोरा-गोरा लचकता बदन ये होंठों की सुनहरी सुर्खियाँ,दिल में जगाती है इक अगन बातों में अलग ही जादू है,रातों में महकती तुम जैसे चंदन तिरछी नज़रों से जब देखती मुझे,तो आती क़यामत है...दो लफ्ज़ो में कहता हूँ.... ये मेरी अमानत है,ये मेरी अमानत है.... ✍️@ICB PRATAP My Untold story .....♥️♥️