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सुनी हमारी न एक तुमने हजारों अपनी सुना गए तुम तु

सुनी हमारी न एक तुमने हजारों अपनी
 सुना गए तुम 
तुम्हें खबर ही नहीं है शायद हमारे दिल को 
दुखा गए तुम, 

ये जहर जैसा कसीला लहज़ा ये तीर जैसे 
नुकीले जुमले 
तुम्हारी बातों से लग रहा है किसी की बातों में 
आ गए तुम,,!

©Khan Sahab
  #बेवफाई 
#बेवफाई_उनकी_फितरत