ज़ेहन ने जिक्र छेड़ी फिर तुम्हारा याद आया है जा कर फेसबुक पर तुम्हें देखने का ख्याल आया है। -आशु चौधरी "आशुतोष two lines from my book "DARD-E-JINDAGI" 🙏