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हररोज़ खुशियों का रसपान कराती हैं, ये आँखे ही हैं ज

हररोज़ खुशियों का रसपान कराती हैं,
ये आँखे ही हैं जो हमे देखने की सही राह बताती है,
खुले जो ये नेत्रों को अंधकार से उजाले में लाती है,
जो हो जाये बंद तो खुदा का एहसास करवाती  हैं,
जो हो जाये ऑंखे चार ,
तो महबूब -ए-आशिक का मिलन करवाती हैं,
कभी शर्मा कर,तो कभी इतराकर ये झुक जाती,
पर जब जब उसके मन सम्मान की बात हैं आती,
तो ये कभी रजिया या झांसी की रानी बन जाती,

इन आँखो के अज़ब अंदाज़ हैं,
मां को आंखों में ममता,
तो पिता की आंखों में स्वाभिमान हैं,
नारी की आंखों का मान हैं,
ये झुक जाए तो करे सबका सम्मान हैं,
इनमे शर्म व हया का छुपा गहरा राज़ हैं।

Write by निशा #आँखें #eyes #नूर #myquote #विचार #eyesight
हररोज़ खुशियों का रसपान कराती हैं,
ये आँखे ही हैं जो हमे देखने की सही राह बताती है,
खुले जो ये नेत्रों को अंधकार से उजाले में लाती है,
जो हो जाये बंद तो खुदा का एहसास करवाती  हैं,
जो हो जाये ऑंखे चार ,
तो महबूब -ए-आशिक का मिलन करवाती हैं,
कभी शर्मा कर,तो कभी इतराकर ये झुक जाती,
पर जब जब उसके मन सम्मान की बात हैं आती,
तो ये कभी रजिया या झांसी की रानी बन जाती,

इन आँखो के अज़ब अंदाज़ हैं,
मां को आंखों में ममता,
तो पिता की आंखों में स्वाभिमान हैं,
नारी की आंखों का मान हैं,
ये झुक जाए तो करे सबका सम्मान हैं,
इनमे शर्म व हया का छुपा गहरा राज़ हैं।

Write by निशा #आँखें #eyes #नूर #myquote #विचार #eyesight