White कल्पना से परे सपनों के जैसे बारिश का है मौसम आया और कुछ नहीं मेरे यारों यह तो चुनाव का सीजन आया फिर से देंगे आस देश को नागरिक देश का ठगा जाएगा फ्री की रोटी, लालच में फंसकर कर खा भविष्य अपना वह जाएगा बन कर नेता देश के फिर वो कभी ना शक्ल दिखाएंगे घर की रोटी चलाने की खातिर चक्की में यूं ही पिसते जाएंगे ©Anita Mishra #election_2024 Jassi Jass Praveen Jain "पल्लव"