सुकून की चाहत में हम, कभी बक्त कभी किस्मत से लड़े हैं, उम्मीद सारी बिखर चुकी है, फिर भी जीने की ज़िद पर अड़े हैं हम, बेमकसद सी लगती है जिंदगी, हम ऐसी तकलीफ में पड़े हैं, न दर्द महसूस होता है न खुशी, अब ऐसी दहलीज पर खड़े हैं हम।। ©Surya Mathur #Rose #Dil__ki__Aawaz #zindgi_udaas #Aabaz_aye_Mohabbat