सड़कों पर दिन में भीड़ रात में कर्फ़्यू कोरोना की तीसरी लहर का डर है सिस्टम पर छाई बदहवासी नया साल गर आ भी गया तो क्या हुआ माहौल का देश पे ये असर है लगता अपनों अपनों से अब मुझे डर है हिंदू मुस्लिम का गंदा माहौल बनाया गया नया साल गर आ भी गया तो क्या हुआ गरीबों की स्थिति बद से बदतर है नौजवानों को अलग सा डर है बेरोज़गारी अपने चरम पर है नया साल गर आ भी गया तो क्या हुआ ©Shahab #नया_साल