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White गहराई से चाहकर किसी को, छोड़ देना कैसा होता

White 
गहराई से चाहकर किसी को,
छोड़ देना कैसा होता है?
जीवन की बगिया से टूटा,
वो पुष्प के जैसा होता है।।
ख्वाब बुनकर स्वपन सजाकर,
सो देना कैसा होता है?
बिना लक्ष्य के अर्थहीन–सा,
जीवन के जैसा होता है।।
किसी को पाकर अपना बनाकर,
खो देना कैसा होता है?
मुट्ठी मे स्वपन–सी सिमटी हुई,
वो रेत के जैसा होता है।।

©Rimpi chaube #खोदेनाकैसाहोताहै
गहराई से चाहकर किसी को,
छोड़ देना कैसा होता है?
जीवन की बगिया से टूटा,
वो पुष्प के जैसा होता है।।
ख्वाब बुनकर स्वपन सजाकर,
सो देना कैसा होता है?
बिना लक्ष्य के अर्थहीन–सा,
White 
गहराई से चाहकर किसी को,
छोड़ देना कैसा होता है?
जीवन की बगिया से टूटा,
वो पुष्प के जैसा होता है।।
ख्वाब बुनकर स्वपन सजाकर,
सो देना कैसा होता है?
बिना लक्ष्य के अर्थहीन–सा,
जीवन के जैसा होता है।।
किसी को पाकर अपना बनाकर,
खो देना कैसा होता है?
मुट्ठी मे स्वपन–सी सिमटी हुई,
वो रेत के जैसा होता है।।

©Rimpi chaube #खोदेनाकैसाहोताहै
गहराई से चाहकर किसी को,
छोड़ देना कैसा होता है?
जीवन की बगिया से टूटा,
वो पुष्प के जैसा होता है।।
ख्वाब बुनकर स्वपन सजाकर,
सो देना कैसा होता है?
बिना लक्ष्य के अर्थहीन–सा,
dimpalsharma5162

Rimpi chaube

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