वो राख सा रह गया, सौ साल के बाद, गंगा में जो बह गया, सौ साल के बाद, सब अपने नाम करने को भागता हुआ इंसान, कहानी की जरूरत थी बस रोटी,कपड़ा,मकान, अंत में वसीयत कह गया, सौ साल के बाद, वो राख सा रह गया, सौ साल के बाद। #22may2k17 #yqbaba #YQdidi #YQPoetry #Yourquote #YoPoWriMo #ash #राख #सच #ज़िन्दगी #life_of_human #सौ_साल #life_end...... 👍👍