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...... बनके बून्द बारिश गुज़रु न कहीं तुम्हारे गाल

...... 
बनके बून्द बारिश
गुज़रु न कहीं तुम्हारे गालों से तुम ख्याल रखना,-
फिर भीगते फिरो तुम बनके डाली किसी दरखत की आदतन सी,
और फिर कमाल ये भी न हो जाये के सिलती रहूँ सिल्वटें मुसिन
जो छोड़ी हों तुमने मेरी बांहों में.,..

©'अल्प'
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बनके बून्द बारिश
गुज़रु न कहीं तुम्हारे गालों से तुम ख्याल रखना,-
फिर भीगते फिरो तुम बनके डाली किसी दरखत की आदतन सी,
और फिर कमाल ये भी न हो जाये के सिलती रहूँ सिल्वटें मुसिन
जो छोड़ी हों तुमने मेरी बांहों में.,..

©'अल्प'
alpanabhardwaj6740

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