जिधर देखो, उधर, धुँध में लिपटा आलम सारा, जमीं फिर भी ख़ुश्क है, ग़ज़ब की कशिश है इस आलम में, ज्यूँ घुल गई हो इसमें कस्तूरी मुश्क है। _Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "ख़ुश्क" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example: