वाहेगुरू जी दे अक्षर नू लिख्या जा सकदा पर की वाहेगुरू नू यानी परमात्मा=नाम नू की लिख्या जा सकदा।। 1. रूप न रेख न रंग किछ त्रै गुण ते प्रभ भिन्न।। तिसै भुजाये नानका जिस होवय सुप्रसन्न।। 2. अचल मूरत अनुभव परगास अमितोज कहीजै।। 3. ध्यान धरो तह को मन मै जह को अमितोज सबै जग छायो।। 4. अगन बिम्ब पवनै की बानी तीनो नाम के दासा।। 5. अनाम हैं, अकाम हैं।। ©Biikrmjet Sing #वाहेगुरु