संसार में बोलने वाले तो लाखों लोग हैं परंतु कौन ,किस प्रकार और किस तरह से बोलता है यह बहुत महत्वपूर्ण होता है बोलने की कला एक दुर्लभ कला कौशल होती है जो की हर किसी के अंदर नहीं पाई जाती हैं कब ,कहां ,कैसे, किससे, क्या और किस तरह से बोलना है यह शब्द ज्ञान हर किसी में नहीं होता है एक सफल श्रेष्ठ मानव के जीवन में उसकी वाणी का बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव और योगदान होता है लोग तो उसी को सुनना पसंद करते है जिसकी आवाज में मधुरता हो एवम जिसके शब्दो का अर्थ प्रभाव पूर्ण हो हमेशा याद रखें सोच समझकर कही गई बात हमेशा दूर तक जाती है और सामने वाले पर अपना पूर्ण प्रभाव छोड़ती है आप भले ही कम बोलें लेकिन हमेशा अच्छा बोलें और सदैव सोच समझकर ही बोले ©pradyuman awasthi #बोलने की कला