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चांद भी क्या खूब है, न सर पर घूंघट है, न चेहरे पे

चांद भी क्या खूब है,
न सर पर घूंघट है,
न चेहरे पे बुरका,

कभी करवाचौथ का हो गया,
तो कभी ईद का,
तो कभी ग्रहण का
तो कभी पूनम का
अगर

ज़मीन पर होता तो
टूटकर विवादों मे होता,
अदालत की सुनवाइयों में होता,
अखबार की सुर्ख़ियों में होता,

लेकीन

"शुक्र है आसमान में बादलों की गोद में है,
इसीलिए ज़मीन में कविताओं और ग़ज़लों में महफूज़ है”

©Shivam Tiwari चांद भी क्या खूब है,
न सर पर घूंघट है,
न चेहरे पे बुरका,

कभी करवाचौथ का हो गया,
तो कभी ईद का,
तो कभी ग्रहण का
कभी पूनम का
चांद भी क्या खूब है,
न सर पर घूंघट है,
न चेहरे पे बुरका,

कभी करवाचौथ का हो गया,
तो कभी ईद का,
तो कभी ग्रहण का
तो कभी पूनम का
अगर

ज़मीन पर होता तो
टूटकर विवादों मे होता,
अदालत की सुनवाइयों में होता,
अखबार की सुर्ख़ियों में होता,

लेकीन

"शुक्र है आसमान में बादलों की गोद में है,
इसीलिए ज़मीन में कविताओं और ग़ज़लों में महफूज़ है”

©Shivam Tiwari चांद भी क्या खूब है,
न सर पर घूंघट है,
न चेहरे पे बुरका,

कभी करवाचौथ का हो गया,
तो कभी ईद का,
तो कभी ग्रहण का
कभी पूनम का

चांद भी क्या खूब है, न सर पर घूंघट है, न चेहरे पे बुरका, कभी करवाचौथ का हो गया, तो कभी ईद का, तो कभी ग्रहण का कभी पूनम का #poem #nojotohindi #nojotoapp #nojotonews #nojotothought #शरदपूर्णिमा #nojotoprem