मेरी आँखों में है हरपल ख़्वाब तुम्हारा, मेरी चाहत की ये तक़दीर बन जाती है। मैं सोचता हूँ जब भी अपने महबूब को, ख़यालों में तुम्हारी तस्वीर बन जाती है। गुरुर नहीं मुझे अपने इश्क़ पर सनम, मेरे नाम से इश्क़ की ताबीर बन जाती है। तुम रख ना पाओगी खुद को मुझसे दूर, हक़ीक़त में चाहत ही जंज़ीर बन जाती है। चलो कर लो महसूस अपनी धड़कनों को, क्या मेरी कशिश भी कोई तीर बन जाती है। कभी खुद को मुझसे तुम दूर ना करना। अश्कों की धार भी तनवीर बन जाती है। ♥️ Challenge-671 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।