अब गैरों से क्या नाता जोड़े, जब अपने ही पराए हो गए हो अब तुमसे क्या बातों का मोल ले जब सपने ही सवर गए हो है खिदमत खुदा की हमपे, जब महबूब भी हमारी सुनने लग गए हो क्या याद करें उन लम्हों को अब जो हमसे मिलने तुम तरसने लग गए हो भूला देंगे तेरे किए हुए अपराध जो इंसाफ के लिए अब तुम तड़पने लग गए हो बेफीसुल बातों से फसाओ ना हमें जो तुम खुद की यादों में बेहकने लग गए हो शाम की रोज़ी रोटी नसीब हो ना हो पर उस ऊपर वाले से तुम रोज़ दावत मांगने लगे हो है चलता इस राह पे ये बैरागी यूँ जो तुम उसके खोने पे आँसू फेकने लगे हो Jay Tanna - Let's Collab #yourquote #lovequotes #poetry #hindipoetry #yqbaba #yourquotedidi #yqdidi #ghazal