ये पतझड़ की सर सराहटें हैं... सुनो बसंत की आहटें हैं...! ये घन घनघोर संघर्ष अघोर है... सुनो चीख अनंत ,प्रयास अमोघ है...! जब जब वक्त प्रचंड हुआ है.... सकल ब्रह्मांड का शीश झुका है....! सुनो ये वक्त की अट्टहास ज़रा.... करो अस्तित्व बचाने का प्रयास ज़रा...! किसी के पास तुम्हारे हर ज़ख्म का हिसाब है... ख़ुदा मरहमों से भरी हुई एक किताब है...! आज सफ़र कठिन है ,ये सोच कर रुको नहीं ... स्वाभिमान की सीमा से बढ़कर , कभी तुम झुको नहीं ...!!-Anjali Rai (शेरनी...❤️) आज सफ़र कठिन है ,ये सोच कर रुको नहीं ... स्वाभिमान की सीमा से बढ़कर , कभी तुम झुको नहीं ...!!-Anjali #angel ❤️ #yqinspiration #yqquotes #yqtravel #yqbaba