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जलती धरती मन मेरा सूखा पड़ा उपवन मेरा जल बिन अन्न

जलती धरती मन मेरा 
सूखा पड़ा उपवन मेरा जल बिन अन्न नही उगता 
भूखा सोता बचपन मेरा माँ हूँ मुझको सब्र नही होता
वस्त्र श्वेत अब लाल हो गया केश रक्त में भीगे मेरे
गर माँ हूँ फिर क्यूँ आखिर बच्चे गोद में मरते मेरे 
आँख उठाकर देखूँ गर मै लाशों के अम्बार लगे हैं 
छोड़ो तुमसे कुछ ना होगा मुझे शस्त्र अब लाकर दे दो 
जिनको मैने जन्म दिया है उनकी रक्षा-भार मुझे ही सौंपों 
एक भी मेरा लाल गोद में मेरी दम ना तोड़ेगा 
एक भी बेटी मेरी अब माँग श्वेत ना रक्खेगी
माना माँ की लाज रक्खे बेटे का तो फर्ज़ यही है
लेकिन बेटे के संकट को माँ ही बस हर सकती है
अपने बच्चों की खातिर लक्ष्मी से पल भर में काली बनती है
पल भर में काली बनती है ...

                               Payal Sri "Atal" #मन मेरा
जलती धरती मन मेरा 
सूखा पड़ा उपवन मेरा जल बिन अन्न नही उगता 
भूखा सोता बचपन मेरा माँ हूँ मुझको सब्र नही होता
वस्त्र श्वेत अब लाल हो गया केश रक्त में भीगे मेरे
गर माँ हूँ फिर क्यूँ आखिर बच्चे गोद में मरते मेरे 
आँख उठाकर देखूँ गर मै लाशों के अम्बार लगे हैं 
छोड़ो तुमसे कुछ ना होगा मुझे शस्त्र अब लाकर दे दो 
जिनको मैने जन्म दिया है उनकी रक्षा-भार मुझे ही सौंपों 
एक भी मेरा लाल गोद में मेरी दम ना तोड़ेगा 
एक भी बेटी मेरी अब माँग श्वेत ना रक्खेगी
माना माँ की लाज रक्खे बेटे का तो फर्ज़ यही है
लेकिन बेटे के संकट को माँ ही बस हर सकती है
अपने बच्चों की खातिर लक्ष्मी से पल भर में काली बनती है
पल भर में काली बनती है ...

                               Payal Sri "Atal" #मन मेरा