"कोई खुशियों की चाह में रोया कोई दुखों की पनाह में रोया.. अजीब सिलसिला हैं ये ज़िंदगी का.. कोई भरोसे के लिए रोया.. कोई भरोसा कर के रोया.. - रविन्द्र नाथ यादव memories shayari ।।।।