Nojoto: Largest Storytelling Platform

प्रिय तकिये शुक्रिया ,मेरी तन्हाइयों में अपनी बाह

प्रिय तकिये 
शुक्रिया ,मेरी तन्हाइयों में अपनी बाहों का साथ देने के लिए।
शुक्रिया हर वक्त बिन कुछ कहे बिन शिकायतों के चुपचाप मेरी हर बढ़ बढ़ सुन लेने के लिए।
शुक्रिया हर पल अपनी नर्म भुजाओं पर मुझें सहारा देने के लिए।
दिन भर की दौड़ धूप और थकान के बाद जब भी तुमसें मिलती हूँ, तुम चुपचाप मुझें अपनी बाहों में जगह दे एक सुकूँ का आभास करा जाते हो।
जिस आलिंगन के एहसास में मैं रातो देर तक इंतजार करती रही और फिर आँखों की पलके भी थक कर सिकुड़ने लगी , उस हर वक्त में तूने मुझे अपने सीने से लगा सहारा दिया है।
शुक्रिया मेरे हमसफर , मेरे दोस्त, तुमनें मेरी बेचैन रातों में हमेशा एक सुकूँ का आभास दिया।
और आज भी दे रहे हो.....
शुक्रिया ,शुक्रिया , शुक्रिया

©Kavita jayesh Panot #हग डे#लव#इन्तजार#एहसास#नाइट्स
प्रिय तकिये 
शुक्रिया ,मेरी तन्हाइयों में अपनी बाहों का साथ देने के लिए।
शुक्रिया हर वक्त बिन कुछ कहे बिन शिकायतों के चुपचाप मेरी हर बढ़ बढ़ सुन लेने के लिए।
शुक्रिया हर पल अपनी नर्म भुजाओं पर मुझें सहारा देने के लिए।
दिन भर की दौड़ धूप और थकान के बाद जब भी तुमसें मिलती हूँ, तुम चुपचाप मुझें अपनी बाहों में जगह दे एक सुकूँ का आभास करा जाते हो।
जिस आलिंगन के एहसास में मैं रातो देर तक इंतजार करती रही और फिर आँखों की पलके भी थक कर सिकुड़ने लगी , उस हर वक्त में तूने मुझे अपने सीने से लगा सहारा दिया है।
शुक्रिया मेरे हमसफर , मेरे दोस्त, तुमनें मेरी बेचैन रातों में हमेशा एक सुकूँ का आभास दिया।
और आज भी दे रहे हो.....
शुक्रिया ,शुक्रिया , शुक्रिया

©Kavita jayesh Panot #हग डे#लव#इन्तजार#एहसास#नाइट्स