तुम बचपन की वो याद हो जो शायद सभी महसूस करते होंगे।लिखना फिर मिटाना कितना आसान होता था ना।काश सब चीजें इतनी ही आसान होती।गलती होती तो मिटा कर फिर लिख देते थे।आज भी पेंसिल देखने पर वही बचपन की यादों में चला जाता है मन और ऐसे ही यादों का पुलिंदा बनता चला जाता है। यादों के इस हसीन तोहफे के लिए तुम्हारा धन्यवाद। #yolewrimo में आज #पेंसिल के नाम एक पत्र लिखें। #letters #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi