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अपना-पराया-गुणगान् व, परजनः स्वजनो निर्गुणोऽपि

अपना-पराया-गुणगान् व, 
  परजनः स्वजनो निर्गुणोऽपि वा...!
निर्गणः स्वजनः श्रेयान्,
यः परः पर एव स...!!


पराया मनुष्य भले ही गुणवान् हो 
तथा,
 स्वजन सर्वथा गुणहीन ही क्यों न हो,
 लेकिन गुणी परजन से,
गुणहीन स्वजन ही भला होता है...!
अपना तो अपना है,
और,
 पराया पराया ही रहता है...!!

©Rahul Raj #relation#RahulRaj#quotes
अपना-पराया-गुणगान् व, 
  परजनः स्वजनो निर्गुणोऽपि वा...!
निर्गणः स्वजनः श्रेयान्,
यः परः पर एव स...!!


पराया मनुष्य भले ही गुणवान् हो 
तथा,
 स्वजन सर्वथा गुणहीन ही क्यों न हो,
 लेकिन गुणी परजन से,
गुणहीन स्वजन ही भला होता है...!
अपना तो अपना है,
और,
 पराया पराया ही रहता है...!!

©Rahul Raj #relation#RahulRaj#quotes
rahulraj5838

Rahul Raj

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