मेरी खामोशी पढ़ लिया करो तुम, मेरी आदत नहीं है.. जताने की।। जान लो, कि दुआओं में तुम हो, मेरी इबादत नहीं है.. बताने की।। कैसे समझाऊँ, क्या तुम्हें बतलाऊँ, तुम ही तुम हो, बस इतना मैं पाऊँ। लफ्ज़ पिघलाऊँ, तुममें घुल जाऊँ, बूँद-बूँद तुम हो, बस इतना मैं पाऊँ। जान लो, कि हवाओं में तुम हो, मेरी चाहत नहीं है.. सताने की।। #कविता #hindipoem #love #feelings #poetry #hindi #Nojoto #khamoshi