ऐ दिल है बिस्मिल तुझी से जहां तू मक़बरा और तू ही मकां जब तक न धड़के है, नाशाद तू सौ आहें निकलें तू धड़के जहां सूरज, सितारों के संग चाँद है मज़हब में सब, बस न रब का निशां मुद्दत हुई हमसे बोले न वो शिद्दत से थे जो बने जाने जां दे दूं तुझे जो भी मेरा है वो पर नाम रिश्ते का पूछे जहां माँगूँ खुदा से मैं इतनी नज़र देखूँ जो कर दे वो ख़ुद को अयाँ #अंजलिउवाच #YQdidi #ऐदिल #दिल #नाम #रिश्ता #बिस्मिल