ज़िंदगी दिसंबर सी जश्न मनाने की अब चाहत नहीं, जो चा

ज़िंदगी दिसंबर सी जश्न मनाने की अब चाहत नहीं,
जो चाहा मैंने वो देर से पाया है।
दिसंबर सी जिंदगी हो गई है मेरी,
जो साल के आखिर में आया है।
खुशियाँ मिली नहीं वक्त पर मुझे,
यूँही हँसकर मैंने गम छुपाया है।
पल भर की खुशी मिली नहीं मुझे,
अक्सर जिंदगी ने मुझे सताया है।
पल-पल मुश्किलों में गुजारा मैंने,
फिर भी दर्द जिंदगी में बकाया है।
मैं जीत ही लुंगा जंग जिंदगी की,
ये सोचकर खुद को समझाया है।। फिर भी दर्द बकाया है।
#december #Day06 #06dec
ज़िंदगी दिसंबर सी जश्न मनाने की अब चाहत नहीं,
जो चाहा मैंने वो देर से पाया है।
दिसंबर सी जिंदगी हो गई है मेरी,
जो साल के आखिर में आया है।
खुशियाँ मिली नहीं वक्त पर मुझे,
यूँही हँसकर मैंने गम छुपाया है।
पल भर की खुशी मिली नहीं मुझे,
अक्सर जिंदगी ने मुझे सताया है।
पल-पल मुश्किलों में गुजारा मैंने,
फिर भी दर्द जिंदगी में बकाया है।
मैं जीत ही लुंगा जंग जिंदगी की,
ये सोचकर खुद को समझाया है।। फिर भी दर्द बकाया है।
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Diwan G

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