Nojoto: Largest Storytelling Platform

गिर कर घाटियों से अब उठ गया हूँ मैं, जंग अपनों से

गिर कर घाटियों से अब उठ गया हूँ मैं,
जंग अपनों से लड़ते-लड़ते टूट गया हूं मैं।

तपिश द्वंद्व की, द्वेष रक्त का सह रहा हूँ मैं,
धरयुक्त तलवार हूँ, म्यान गर्भ में रह रहा हूँ। मैं #Sad #Love #Relatives #Disappoint
गिर कर घाटियों से अब उठ गया हूँ मैं,
जंग अपनों से लड़ते-लड़ते टूट गया हूं मैं।

तपिश द्वंद्व की, द्वेष रक्त का सह रहा हूँ मैं,
धरयुक्त तलवार हूँ, म्यान गर्भ में रह रहा हूँ। मैं #Sad #Love #Relatives #Disappoint