दिन की चिलचिलाती धूप जा रही गरम हवाएँ भी घर की ओर जा रही ठण्डी -ठण्डी हवाएँ अब आ रही देखो शाम हो गई दिन भर की थकान दूर हुई, लोगो की चहल- पहल बढ रही, परिन्दे भी घर की ओर चल दिये, देखो शाम हो गई किरणें सूरज की हल्की पङ रही है, फिर कल मिलने को कह रही, ये मनमोहक नजारा मन को असीम सुख दे रहा, आओ देखो तो "जाना" शाम हो गई चाँद भी देखो अब आ रहा, तारो ने भी डेरा डाल दिया, देख कर ये सुंदर दृश्य कलम मेरी रुक गई, देखो तो शाम ढल गई ©Rohan Mishra दिन की चिलचिलाती धूप जा रही गरम हवाएँ भी घर की ओर जा रही ठण्डी -ठण्डी हवाएँ अब आ रही देखो शाम हो गई दिन भर की थकान दूर हुई, लोगो की चहल- पहल बढ रही, परिन्दे भी घर की ओर चल दिये,